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lirik lagu saar – khwaeshein

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रिमझिमाती बारिशों में आज कुछ तो नया है
मुस्कुराते हर लबों पे राज़ कुछ तो छिपा है
नए-नए से रास्ते हैं, मंजिलें लापता हैं

भीनी-भीनी खुश्बुओं में एक अलग सा नशा है

उमंगे जवां आज उड़ने को हैं
गुनगुनाती फिज़ा कहती कुछ तो है

गुनगुनाने की वजह तुम हो
खुश्बुओं का नशा तुम हो
बेवजह मुस्कुराने की एक ही रज़ा तुम हो

गुनगुनाने की वजह तुम हो
खुश्बुओं का नशा तुम हो
बेवजह मुस्कुराने की एक ही रज़ा तुम हो

कटी पतंग सा ये दिल बावरा, देखो कैसे इतराए
आँखें मूंदे हुए बादलों के संग कैसे उड़ जाए
थामें न ये थमें, न किसी की सुने फिसल सा ये जाए
सर्फिरा ही सही ये दिल ख्वाहिशें पूरी करना चाहे

बावरे दिल की, ख्वाहिशों को यूं
पंख देने की हर वजह तुम हो
रंग थोडे़ ज्यादा हैं, क्या आसमां खुश हुआ है?
खिलखिलाती धूप ने आज जैसे छुआ है

रिमझिमाती बारिशों में आज कुछ तो नया है
मुस्कुराते हर लबों पे राज़ कुछ तो छिपा है
ख्वाहिशें जवां, आज उड़ने को हैं
गुनगुनाती फिज़ा कहती कुछ तो है

गुनगुनाने की वजह तुम हो
खुश्बुओं का नशा तुम हो
बेवजह मुस्कुराने की एक ही रज़ा तुम हो

गुनगुनाने की वजह तुम हो
खुश्बुओं का नशा तुम हो
बेवजह मुस्कुराने की एक ही रज़ा तुम हो


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