lirik.web.id
a b c d e f g h i j k l m n o p q r s t u v w x y z 0 1 2 3 4 5 6 7 8 9 #

lirik lagu punnet raga – gandaw

Loading...

करते भ्रमण ऋषि दुर्वासा ब्राह्मण गृह में पधारे
(वो ब्राह्मण गृह में पधारे)
आदर-सादर किया विप्र ने आसन पर बैठा, रे

(उन्हें आसन पर बैठा, रे)

ब्राह्मण गले डली एक माला
जिसमें तेज-पुंज था निराला
(ब्राह्मण गले डली एक माला)
(जिसमें तेज-पुंज था निराला)

हो, बोले दुर्वासा जी वचन वो चार
ये गाथा तेरी जग जाने
(माँ, हाँ, तुम में गिरे रे अमृत धार)
(ये गाथा तेरी जग जाने)

बोले दुर्वासा, “चाचक बनकर द्वार तुम्हारे आया”
(वो तो द्वार तुम्हारे आया)
तेरी भक्ति-पूजा देखकर मन मेरा हर्षाया
(हाँ जी, मन मेरा हर्षाया)

तुम पे कृपा करे गोपाल, दे दो गले डली यह माल
(तुम पर कृपा करे गोपाल, दे दो गले डली ये माल)

हो, मुझको करना है जगत का उद्धार
ये गाथा तेरी जग जाने
(माँ, हाँ, तुम में गिरे रे अमृत धार)
(ये गाथा तेरी जग जाने)

दुर्वासा की सुनकर बाणी विप्र ने हार उतारा
(हाँ जी, विप्र ने हार उतारा)
देकर ऋषिवर के हाथों में अपना भाग्य सँवारा
(हाँ जी, अपना भाग्य सँवारा)

हो, खुश होकर बोले…


Lirik lagu lainnya:

LIRIK YANG LAGI HITS MINGGU INI

Loading...