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lirik lagu pankaj udhas – jheel mein chand nazar aaye

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[intro]
झील में चाँद नज़र आए थी हसरत उसकी
झील में चाँद नज़र आए थी हसरत उसकी
कबसे आँखों में लिए बैठा हूँ सूरत उसकी
झील में चाँद नज़र आए थी हसरत उसकी

[verse 1]
एक दिन मेरे किनारों में सिमट जाएगी
एक दिन मेरे किनारों में सिमट जाएगी
ठेहरे पानी सी ये खामोश मोहब्बत उसकी

[chorus]
झील में चाँद नज़र आए थी हसरत उसकी

[verse 2]
बंद मुट्ठी की तरह वो कभी खुलता ही नहीं
बंद मुट्ठी की तरह वो कभी खुलता ही नहीं
फासले और बढ़ा देती है कुर्बत उसकी

[chorus]
झील में चाँद नज़र आए थी हसरत उसकी

[verse 3]
किसने जाना है बदलते मौसम का मिज़ाज़
किसने जाना है बदलते मौसम का मिज़ाज़
उसको चाहो तो समझ पाओगे फितरत उसकी
[chorus]
झील में चाँद नज़र आए थी हसरत उसकी
झील में चाँद नज़र आए थी हसरत उसकी


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