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lirik lagu mohammed rafi – jab se ankhen ho gai tumse char

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जब से आँखें हो गईं तुम से चार इस धरती पर
जब से आँखें हो गईं तुम से चार इस धरती पर
क़दम~क़दम पर मचल रहा है प्यार इस धरती पर
जब से आँखें हो गईं तुम से चार इस धरती पर

जब~जब देखूँ रूप तुम्हारा, याद वतन की आए
जब~जब देखूँ रूप तुम्हारा, याद वतन की आए
जैसे मीरा इकतारे पे गीत श्याम के गाए
जैसे मीरा इकतारे पे गीत श्याम के गाए

अमर प्यार के छेड़े तुम ने तार इस धरती पर
अमर प्यार के छेड़े तुम ने तार इस धरती पर
जब से आँखें हो गईं तुम से चार इस धरती पर

लहरा कर तुम इन बाँहों में आ जाती हो ऐसे
लहरा कर तुम इन बाँहों में आ जाती हो ऐसे
बहती~बहती नदिया सागर से मिल जाए जैसे
बहती~बहती नदिया सागर से मिल जाए जैसे

कहाँ से आई ये गंगा की धार इस धरती पर?
कहाँ से आई ये गंगा की धार इस धरती पर?
जब से आँखें हो गईं तुम से चार इस धरती पर

झुकी~झुकी ये लंबी पलकें, ये ज़ुल्फ़ों की छाँव
झुकी~झुकी ये लंबी पलकें, ये ज़ुल्फ़ों की छाँव
बसा हुआ है इस छाँव में रंग~रूप का गाँव
बसा हुआ है इस छाँव में रंग~रूप का गाँव
बन जाओ अब मेरे गले का हार इस धरती पर
बन जाओ अब मेरे गले का हार इस धरती पर
जब से आँखें हो गईं तुम से चार इस धरती पर
क़दम~क़दम पर मचल रहा है प्यार इस धरती पर


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