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lirik lagu mc square, mohito & hashbass – chirmathi

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[intro: mc square]
robert frost के तरिया, मेरे भी आगे थी २ राह
एक ओर उम्र की ज़िम्मेदारी
और एक ओर चूल्हे पे बैठी मेरी माँ
और मैं आदम जात, चाल दिया सेब खान खात्तर
और पाछे कट गए सारे शहतूत एक जान खातर

[pre~chorus: mohito]
मैं चिरमठी, भाज्या करती माँ के आँचल ते
माथे की झूंगी, full भरोसा माँ के काजल पे
मैं माँ ने केहती, “तू दो चोटी गूंथ दे मेरी
फूल बनादे गाँठ मारे लाल ribbon के”

[chorus]
रह ग्या बचपन भोला कित्त?
रह ग्या बचपन भोला कित्त?
ढूँढ़ो बचपन भोला कित्त!
ढूँढ़ो रे, ढूँढ़ो रे, ढूँढ़ो रे

[chorus]
ओ, रह ग्या बचपन भोला कित्त?
ओ, रह ग्या बचपन भोला कित्त?
ओ, ढूँढ़ो बचपन भोला कित्त!
ढूँढ़ो रे, ढूँढ़ो रे, ढूँढ़ो रे, हाय री, जवानी

[verse 1: mc square]
के तन्ने पाग्या? क्यूकर तू रोवे?
के तेरा खो गया तू इब्ब के बटोरे?
खेता की माटी पावे ना शेहरा मैं
सुनले ता मानस, तू इबके ता टोरे
[verse 2: mc square]
होदी का पाणी आख्यान में डोल्ले
कमरे में बैठा क्यू बचपन खंगोले
शीशे में रेहवा जो दुनिया में तोवे
ना सुनता तू खुदकी कदी

[pre~chorus: mohito]
मैं चिरमठी थी लखाती शक्ले बादल में
छत्त पे खटोली, रात डुबकी सीधी सागर में
मैं हांडा करती, खिलखिलाती तीतरी बनके
पींघ चढाती लांबे~लांबे झोटे जीवन के

[chorus]
ओ, रह ग्या बचपन भोला कित्त?
ओ, रह ग्या बचपन भोला कित्त?
ओ, ढूँढ़ो बचपन भोला कित्त!
ढूँढ़ो रे, ढूँढ़ो रे, ढूँढ़ो रे, हाय री, जवानी
ढूँढ़ो रे, ढूँढ़ो रे

[verse 3: mc square & mohito ]
जय भोले की सावन मेहना
भागते बालक भक्ति कावड़ गेल्या
याडी पक्की जाता, धब्बी बामण गेल्या
राखे पामान्ने धरती मे चुचकारु माथे पावन कहना
टूम ठेगरी चाइये कोनी, दूसर मे दामण गेहना
[hook: mc square & mohito]
सावन मेहना, कावड़ गेल्या
ओ, यारी पक्की बामण गेल्या
पामान्ने माँ के पावन कहना
चाइये कोनी, दामण गेहना

[pre~chorus: mc square & mohito]
माचिस के तास, एंडी तार, और वा झिरनी डंका
बहवड ना आया बचपन सुलगी सोने की लंका
सावन गेल्या

[chorus]
ओ, रह ग्या बचपन भोला कित्त?
ओ, रह ग्या बचपन भोला कित्त?
ओ, ढूँढ़ो बचपन भोला कित्त!
ढूँढ़ो रे, ढूँढ़ो रे, ढूँढ़ो रे

[hook: mc square]
ढूँढ़े ते भगवान मिले
मिले कोन्या पीर फ़कीर
भगत बैरी मुड़ता ना
मिलता ना बचपन हीर

[outro: mohito]
मेरी माँ न्यू कह्या करती
“संघर्ष कितना ए हो जीवन में
समझौते ते पासना पाट जे है”
जीवन के दो कुम्भ पूरे हो लिए
सोची ईबे कोई बीड़ बिठाऊ, सीधी पार जाऊ
और इतने में आशनाई बोल्या
“छोरी सिवासीन होली
ब्याह दो”


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