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lirik lagu kumar sanu – jaam woh hai jo bhar ke

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[chorus]
जाम वो है जो भर के छलकता है, छलकता है
जाम वो है जो भर के छलकता है, छलकता है
प्यार वो है जो आँखों से झलकता है, झलकता है

जाम वो है जो भर के छलकता है, छलकता है
प्यार वो है जो आँखों से झलकता है, झलकता है
जाम वो है जो भर के छलकता है, छलकता है

[verse 1]
लहरों को कभी ना छुपा पाएगा समंदर
लहरों को कभी ना छुपा पाएगा समंदर
रोशनी कभी ना छुपेगी शमा के अंदर
रोशनी कभी ना छुपेगी शमा के अंदर

[pre~chorus]
चेहरा ख़ामोश आईने में उतर जाएगा
रंग ख़ुशबू का हवाओं में बिखर जाएगा
हो, बिखर जाएगा

[chorus]
फूल वो है जो खिल के महकता है, महकता है
फूल वो है जो खिल के महकता है, महकता है
प्यार वो है जो आँखों से झलकता है, झलकता है
जाम वो है जो भर के छलकता है, छलकता है
[instrumental~break]

[verse 2]
प्यार की, चाहत की नई रोशनी दिखाने
प्यार की, चाहत की नई रोशनी दिखाने
आया हूँ दिलों से मैं तो नफ़रतें मिटाने
आया हूँ दिलों से मैं तो नफ़रतें मिटाने

[pre~chorus]
सारी दुनिया से हम तो दोस्ती निभाएँगे
प्यार का गीत सारी उम्र गुनगुनाएँगे
हो, गुनगुनाएँगे

[chorus]
साज़ वो है जो नग़्मों पे खनकता है, खनकता है
साज़ वो है जो नग़्मों पे खनकता है, खनकता है
प्यार वो है जो आँखों से झलकता है, झलकता है
जाम वो है जो भर के छलकता है, छलकता है

[post~chorus]
प्यार वो है जो आँखों से झलकता है, झलकता है
जाम वो है जो भर के छलकता है, छलकता है


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