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lirik lagu ayyjeet – kara sevda

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[verse]

मुझे अपने दिल में पनाह देती है वो।
जीने की मुझे बस एक वजह देती है वो।
सुधर जाने की मुझे सलाह देती है वो।
अपनी बाहों में मुझे सुला लेती है वो।

मुझे ही अपनी दुनिया मानती है वो।
मेरा एक एक छुपा राज जानती है वो।
जन्मदिन पर मुझसे कुछ ना मांगती है वो।
मेरी पूजा करती मुझे खुदा मानती है वो।

रूठती नहीं पर मुझे मना लेती है वो।
मेरे सारे नखरों को उठा लेती है वो।
पीती नहीं पर मुझे पीला देती है वो।
मुझपर अपना प्यार लुटा देती है वो।

प्यार से अजीत मुझे बुलाती है वो।
साथ जीना और साथ मरना चाहती है वो।
मुझ को हर जनम में पाना चाहती वो।
मेरे सिवा और कुछ भी नही चाहती है वो।

बस और बस मेरे गाने गाती है वो।
कभी रोती कभी हंसती कभी नाचती है वो।
गलतियां करने पर मुझे डांटती है वो।
लग जाए ना मेरी नज़र उतारती है वो।
हर पल मेरे लिए दुआ मांगती है वो।
मेरे ऊपर अपनी जान वार्ती है वो।
बिगड़ी हुई मेरी जिंदगी सवार्ती है वो।
मैं नहीं जानता मुझे इतना क्यूं चाहती है वो।

[chorus]

मैं नहीं जानता मुझे इतना क्यूं चाहती है वो।
मैं नहीं जानता मुझे इतना क्यूं चाहती है वो।
मैं नहीं जानता मुझे इतना क्यूं चाहती है वो।
मैं नहीं जानता मुझे इतना क्यूं चाहती है वो।

[refrain]

वो कहती है
मेरे लिए तुम और तुम्हारे लिए मैं।
मेरे लिए तुम और तुम्हारे लिए मैं।
बस, बस और क्या?

[outro]

मैं नहीं जानता मुझे इतना क्यूं चाहती है वो।
मैं नहीं जानता मुझे इतना क्यूं चाहती है वो।
मैं नहीं जानता मुझे इतना क्यूं चाहती है वो।
मैं नहीं जानता मुझे इतना क्यूं चाहती है वो।


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