lirik.web.id
a b c d e f g h i j k l m n o p q r s t u v w x y z 0 1 2 3 4 5 6 7 8 9 #

lirik lagu akhil redhu – faqeera

Loading...

[akhil redhu “faqeera” के बोल]

[verse 1]
जब आँखों का आश्क़ कभी पैग़ाम बनेगा
तब ग़ुर्बत से उठने की तू बात करेगा
कल तक जो काफ़िर था वो भी साथ चलेगा
बरकत का ये बादल फिर बरसात करेगा
हर काम में अगर आराम मिले तो, कौन मिसाल बनाएगा?
जब तक न मिले ठोकर, तो बता, फिर चलना कौन सिखाएगा?
आँखों में दिखी है आस, मैली सी हुई पोशाक
अब तक न दिखी मंज़िल, तो बता, फिर कौन ही राह दिखाए?

[chorus]
सारा जग देखे मुझे हँसता हुआ, मेरा मन जाने मैंने कितना सहा
छोड़ा वो शहर जहाँ घर था मेरा, मैं हूँ वो फ़क़ीरा जो है गिर के उठा
सारा जग देखे मुझे हँसता हुआ, मेरा मन जाने मैंने कितना सहा
छोड़ा वो शहर जहाँ घर था मेरा, मैं हूँ वो फ़क़ीरा जो है गिर के उठा

[verse 2]
देख के अपना अक्स तू खुद से रोज़ लड़ेगा
पैसे कमाने की फिर सबसे होड़ करेगा
सारी जवानी जिस्मों में मदहोश रहेगा
फिर बाकी उम्र तन्हाई देख अफ़सोस करेगा
मिलते ही नहीं वो लोग जो यादें छोड़ चले हैं
मुझपे लगा के दोष वो खुद खामोश खड़े हैं
होश में आ नादान वो कहते “इश्क़ जिस्म है”
कहते हैं इसे अगर होश तो हम बेहोश भले हैं
[chorus]
सारा जग देखे मुझे हँसता हुआ, मेरा मन जाने मैंने कितना सहा
छोड़ा वो शहर जहाँ घर था मेरा, मैं हूँ वो फ़क़ीरा जो है गिर के उठा
सारा जग देखे मुझे हँसता हुआ, मेरा मन जाने मैंने कितना सहा
छोड़ा वो शहर जहाँ घर था मेरा, मैं हूँ वो फ़क़ीरा जो है गिर के उठा

[verse 3]
अब कोई शिकवा नहीं, हर ज़ख़्म मरहम हुआ
कोई साथ दे या नहीं, मुझे इश्क़ खुद से हुआ
याद नहीं एहसास हूँ, इश्क़ का ज़रिया राज़ हूँ
ढूंढ रहा मुझको कहाँ? खुद में मुकम्मल आज हूँ

[chorus]
सारा जग देखे मुझे हँसता हुआ, मेरा मन जाने मैंने कितना सहा
छोड़ा वो शहर जहाँ घर था मेरा, मैं हूँ वो फ़क़ीरा जो है गिर के उठा
सारा जग देखे मुझे हँसता हुआ, मेरा मन जाने मैंने कितना सहा
छोड़ा वो शहर जहाँ घर था मेरा, मैं हूँ वो फ़क़ीरा जो है गिर के उठा


Lirik lagu lainnya:

LIRIK YANG LAGI HITS MINGGU INI

Loading...