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lirik lagu swapnil - parinda - panther, priyanka meher & nikhil

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[panther, priyanka meher & nikhil ~ swapnil “parinda” के बोल]

[chorus: priyanka meher]
घूमता है टूटा~टूटा, परिंदा रूठा~रूठा
घूमता है टूटा~टूटा, परिंदा रूठा~रूठा
टूटा~टूटा, परिंदा रूठा~रूठा
टूटा~टूटा, परिंदा रूठा~रूठा

[verse 1: panther]
कह देना दुनिया से, मैं दुनिया के ना काबिल
है तेज़ी दुनिया में, मेरा दिल हौले चलता है काफ़ी
यहाँ तलवारें हाथों में और अपने हाथों में है स्याही
इनको हाय की आदत है, हमें आदत~ए~वाह~वाही
झूठ चेहरे पे बोलूँ तो फ़िर मैं ख़ास कैसे हुआ?
सच बोला ना तो फ़िर तेरे दिल के पास कैसे हुआ?
उम्मीदों पे खरा नहीं तो तेरी आस कैसे हुआ?
ये इंसानियत है जलती, ये कोई घास का नहीं धुआँ
we are dying, या फ़िर ज़िंदा है कोई?
पहले लगता था मुझे भी करम लिखता है कोई
मैं ग़लत होता हूँ पर मुझे ग़लत दिखता और कोई
जो पहलू बदले हर मौके पे, चलता सिक्का है वो ही
ये भूख खाने पे और ज़्यादा बढ़ती जा रही है
जलती इंसानियत तो फ़िर धरती तपती जा रही है
लोगों के दिल हुए ठंडे, या फ़िर सर्दी छा गई है?
बनाना है घर तो पहुँचा हूँ मैं घर भी ना सही से क्यूँकि—
[bridge: priyanka meher]
घरौंदा बचा ना, उजड़ गई डाली~डाली
आसमाँ है वीराना, जहाँ है खाली~खाली
उड़ूँ मैं कहाँ को? पता ना है मंज़िल का
पूछे कोई नाम तेरा तो मैंने है “रब” लिखा

[verse 2: panther]
उड़ा कागा, उड़ा आसमान में
घर से दूर जाए, घरवालों की बात मान के
शुरू रास्ता हुआ तो दिल है हार मान ले
पर चलना इकलौता रास्ता, जीवन राग सामने
नई जगह, नई हवा, नए बादल, नई वजह
धीरे~धीरे लगने लगी अपने घोंसले की तरह
दूर घर से, नया मकां, इतना होश ही है कहाँ?
पर ये मकां तो फ़िर अक्सर घर पे लौटने की तड़प
परिंदे का घुटे दम
परिंदे को मिले “तुम”, मिल के बोले ना कोई “हम”
परिंदा है भीड़ में पर सुनसान लगे सब
परिंदे को माँ की याद आए पर बोले ना, उसे आती है शरम
परिंदा है परेशान, उसे घोंसला ना मिले
घर की भरे वो उड़ान पर कोई हौसला ना मिले
आसमान उड़े वो तो, उसे जोश कहाँ मिले?
दोष देने वाली दुनिया में यहाँ दोस्त कहाँ मिले? बता
मारामारी मची दाने~दाने की
यहाँ होड़ मची नीचे गिरा के, बस आगे जाने की
देखने वाले दुनिया नहीं, दिखाने वाले की
रोटी कमानी नहीं, छीननी है बस खाने वाले की
मिले सब को यहाँ जगह काफ़ी फ़िर पड़े काफ़ी ना ये जगह, सबको रूठ के ये गिला
इंसानों में भी काफ़ी मैंने ढूँढे हैं इंसान पर एक भी ना मुझे कहीं ढूँढने पे मिला
[bridge: priyanka meher]
उड़ जा कागा, रे, तोरा अम्बर तोके पुकारे
उड़ जा कागा, रे, तोरा अम्बर तोके पुकारे

[chorus: priyanka meher]
घूमता है टूटा~टूटा, परिंदा रूठा~रूठा
घूमता है टूटा~टूटा, परिंदा रूठा~रूठा
टूटा~टूटा, परिंदा रूठा~रूठा
टूटा~टूटा, परिंदा रूठा~रूठा


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