lirik.web.id
a b c d e f g h i j k l m n o p q r s t u v w x y z 0 1 2 3 4 5 6 7 8 9 #

lirik lagu sukhwinder singh - kartootein

Loading...

मेरी कलम चलेगी, करम करेगी
गरम लिखे ना शरम करेगी
कलम की स्याही ज़ख़म जो देगी
सही उसे ना मरहम करेगी
डुबा दवात में नोक को
मेरी नोक ये नोचती सोच को
मुझे सौ में से नब्बे लाके देगी
कलम ये घर को चला के देगी
ऐसे ख़यालों में था
फँसा हुआ मैं सालों से
था मैं अनजान सा
ताकत वाले पैसे वालों से
रोज़ रात में कलम हाथ में
रक्तचाप यानी बी पी बढ़ गयी
लीक हुवे पेपर तो
मेरी माँ की दही भी फीकी पड़ गयी

भोले परिंदो को दाने चुगा के
हाए, भोले परिंदो को दाने चुगा के
ये जो फ़रेबी जाल बिछा के
हो, दांव लगा कर बचने वाले
ये साज़िशों को रचने वाले
परिश्रम करूँ, या फिर सज्जन बनूँ
गाली एक जन को दूँ
या सारे सिस्टम को दूँ
परिश्रम करूँ, या फिर सज्जन बनूँ
गाली एक जन को दूँ
या सारे सिस्टम को दूँ
जाने कितनों के घर टूटे
जाने किस किसको ये लूटे
करतूतें, काली हैं काली करतूतें
शैतानियों के बल बूते
चालाकियों से लूटे लूटे लूटे लूटे
करतूतें, काली हैं काली करतूतें
शैतानियों के बलबूते
चालाकियों से लूटे लूटे लूटे लूटे

जाग जाग के भाग भाग के
हाल पे हाल ज़माने का
सोए सोए कोई
बैठे बैठे जाने खेल कमाने का
हो, जाग जाग के…
कमाने का, जाने ये खेल कमाने का
पढ़ाने का, दुनिया को पट्टी पढ़ाने का
मैं ज्ञानी बनूँ, स्वाभिमानी बनूँ
या फिर लालच में लिपटी कहानी बनूँ
मैं ज्ञानी बनूँ, स्वाभिमानी बनूँ
या फिर लालच में लिपटी कहानी बनूँ
जाने कितनों के घर टूटे…

(फ़टे हाल में
फ़ासें जाल में, फ़ासें जाल में)
हाथों से अपने वो चरखा चलाते
धागों में अपने गज़ब उलझाते
फ़टे हाल में
फ़ासें जाल में
गीदड़ थे बकरों के खाल में
जिनके पास में हर सवाल थे
वो बवाल थे
हाय, अपने इरादों के ढेर लगाके
अपने ही सुर में वो सुर लगवाते
परिश्रम करूँ या फिर सज्जन बनूँ…

गुरूर अजेंटम
गुरूर धंधा
गुरूर देवो पैसा पैसा
गुरूर साक्षात परम माफिया
तस्मये श्री गुरूवे नमः
करतूतें


Lirik lagu lainnya:

LIRIK YANG LAGI HITS MINGGU INI

Loading...