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lirik lagu spellmanmuzik - maut ka paigaam

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[verse 1]
अंधेरी रात जैसे कटार की धार
सैनिकों का काफिला बढ़ रहा बेशुमार
खून की खुशबू, फौलाद का ख्वाब
ताकत पे सजता, सम्राट का ग़ुलाम।

[verse 2]
कसमों की आंधी में फंसा, धोखा हर मोड़
दोस्त भी दुश्मन जै से, बने सब बिच्छू और
महल के दीवारों में छिपा था अँधेरा
सर्दी के मौ सम में जल उठीं ज्वाला।

[chorus]
बनेगा आज युद्ध का मैदान
तबाही का ऐलान, सम्राट की शाम
हम लड़ें, गरजें, ढूंढें न आराम
जीत का सपना, मौत का पैगाम।

[verse 3]
फौलाद की आवाज़, जाग उठा जुनून
संभाले हथियार, दिल में मशालों का जलून
गिरेंगी दीवारें, कांपेंगे खंभे
बगोड़ा करेगा, धरती पे कंपनी।

[verse 4]
सुहाना सपना, दुश्मनों का राज
सैनिकों की संगत, सब बना अवाज
राजसिंहासन गिरेगा, रुकेंगे न हम
खून से सनेगा, ताज का हर दम।
[chorus]
बनेगा आज युद्ध का मैदान
तबाही का ऐलान, सम्राट की शाम
हम लड़ें, गरजें, ढूंढें न आराम
जीत का सपना, मौत का पैगाम।


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