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lirik lagu shnik, nikhita gandhi & shashwat singh - chaand

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[shnik “chaand” के बोल]

[intro: nikhita gandhi, nikhita gandhi & shashwat singh]
জোছনা করেছে আড়ি
আসে না আমারো বাড়ি
জোছনা করেছে আ—
चाँद कहाँ~हाँ, चाँद कहाँ
चाँद कहाँ~हाँ, चाँद कहाँ
चाँद कहाँ, चाँद कहाँ
चाँद कहाँ, चाँद कहाँ

[chorus: nikhita gandhi]
खोई हुई हूँ मैं भी चाँद की तरह
तरसाए है क्यों मुझको चाँद की तरह
काहे घबराए ये दिल उनके बिना?
पिया कहाँ है मेरे चाँद की तरह?

[post~chorus: nikhita gandhi & shashwat singh]
चाँद कहाँ~हाँ, चाँद कहाँ
चाँद कहाँ~हाँ, चाँद कहाँ
चाँद कहाँ, चाँद कहाँ
चाँद कहाँ, चाँद कहाँ

[verse: shashwat singh]
कल क्यों बुलाया था तुमने जब नहीं आना था तुमने?
क्यों खेलती हो मुझसे ऐसे हमेशा ही, हर बार तुम?
हूँ जो मैं चन्दा तेरा, है चाँदनी तू मेरी
फिर क्यों ना आए कल तुम जब मैं निकला था यूँ रात भर?
अब तू बुलाए मुझे, पूछे मुझसे क्यों सताऊँ तुझे
चन्दा जो हूँ मैं तेरा, ढूँढ़ूँ तेरी चाँदनी मैं
बातें करे तू कई, कुछ मिलके भी बता दे मुझे
चन्दा जो हूँ मैं तेरा, तू ही तो मेरी चाँदनी है
[chorus: nikhita gandhi]
खोई हुई हूँ मैं भी चाँद की तरह
तरसाए है क्यों मुझको चाँद की तरह
काहे घबराए ये दिल उनके बिना?
पिया कहाँ है मेरे चाँद की तरह?

[post~chorus: nikhita gandhi & shashwat singh]
चाँद कहाँ~हाँ, चाँद कहाँ
चाँद कहाँ, चाँद कहाँ
चाँद कहाँ, चाँद कहाँ

[outro: nikhita gandhi]
জোছনা করেছে আড়ি
আসে না আমারো বাড়ি


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