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lirik lagu rashmeet kaur - mahenga

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rashmeet:

सैंया फ़रेबी मोसे अंखियाँ लगाना
मीठी जलेबी जैसी बातें बनाना
रतियाँ जगा ना
ऐसे सता ना
महँगा पड़ा है दिल तुझसे लगाना

encore abj:
हम चलें पीछे अगर तू चले आगे~आगे
करती नहीं वो जोगिन लेकिन बंदे पीछे भागे
जाने जान हम करते नहीं हैं आधे वादे
रात की है डेट तो हम शाम से ही तेरी देखें राहें

तेरी पसंद~नापसंद मुझे पता है
हो रही है वो खफ़ा लेकिन उसमें भी अपना मज़ा है
बंदी बड़ी सिंपल और मस्त
अपने पैरों पे है खड़ी, न दे भाइयों को कष्ट
और मैं बस
निहारूं तुझे रात~दिन
बंदी तू इम्पॉर्टेन्ट
ये गेम नहीं
लेकिन तुझपे ads है लॉक्ड~इन
and i’m so possessive
that i’m fighting जो भी घूरे तुझे whenever we go shopping
मैं बस
दिल से
जो भी बोलूं, जो भी करूं पूरे दिल से
चाहे फ़ोन पे या मुँह पे आके मिलके
तूने छू दिया और हम साला हिल गए

rashmeet:

सैंया फ़रेबी मोसे अंखियाँ लगाना
मीठी जलेबी जैसी बातें बनाना
रतियाँ जगा ना
ऐसे सता ना
महँगा पड़ा है दिल तुझसे लगाना

calm:

वो आगे का नहीं सोचती है
मैं आगे का ही सोचता हूँ
और जब करूं प्यार की उम्मीद
शायद अपने लिए एक नया गड्ढा खोदता हूँ

उतारो ये
नक़ाब और दिखाओ खुद को
जीना सिखाओ या चाहे नीचा दिखाओ मुझको
जाने जान तू खामख़ा जब भेजा खाए हम मारे जाएँ
फिर तू रूठे — वो नहीं शोभा देता तुझको
घूम
i’m accha if i give a f~ck or pick her up
और चीज़ें करूं जो भी — are they good enough?
i’m pullin’ up अकेले, looking sad and sh~t
और जैसे तू पुदीना, मदिरा, कविता, सविता, देसी शकीरा — बूम!

आ मेरे साथ बैठ पूरी रात तू
आ मेरे पीठ पीछे चोरी मार तू
है मेरे साथ हर दिन शनिवार लूप
उसे कहा हूँ — किसी बड़े बाप का नहीं
वो बोली ये शून्य तो लगे ख़ानदानी
जानती नहीं दिल से है भाई अंबानी
पूछे हेटर से भी चाय और पानी

पर शायद उससे दूर ही सही हूँ दोस्त
पर वो बंदी सही है बहुत
और कभी बोलना चाहिए है दिल में जो
और कभी खोना चाहिए होश

rashmeet:

सैंया फ़रेबी मोसे अंखियाँ लगाना
मीठी जलेबी जैसी बातें बनाना
रतियाँ जगा ना
ऐसे सता ना
महँगा पड़ा है दिल तुझसे लगाना


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