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lirik lagu darwaaze - aseem & siddhant kaushal

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[aseem “darwaaze” के बोल]

[verse 1]
घड़ियों की परवाह ना थी
जब ये उमर अठराह थी
दोस्तों की हाँ में हाँ बस भरी हमने
बदला बदल के अब भी
कुछ भी नहीं पर फिर भी
पहले से अलग सब कुछ ही कहीं हम में

[refrain]
अब है फ़िकर भी, क़दर भी सबके घर की
सबके सफ़र की हर पल
वक़्त ये, उमर ये भागे सबसे आगे
सर पे दाग़े आने वाला कल

[chorus]
दुनियादारी ने दी आवाज़ें
पर यारी पे मारे ना दरवाज़े
आधे कल जैसे, आधे ताज़े
पर यारों पे मारे ना दरवाज़े

[verse 2]
पहले जितनी नहीं होती
बातें~वातें कम अब होती
पर जितनी भी होती, वो काफ़ी है
होती जहाँ पे ख़तम बात, फिर से शुरू हो वहीं से
महीने लगे या लगे साल चाहे
पर अब समझते हैं एक~दूसरे के सभी फ़ैसले
लगते तभी कम हैं ये फ़ासले
[chorus]
दुनियादारी ने दी आवाज़ें
पर यारी पे मारे ना दरवाज़े
आधे कल जैसे, आधे ताज़े
पर यारों पे मारे ना दरवाज़े

[non~lyrical vocals]


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